गुरुवार, 4 सितंबर 2014

पूतोंवाली


28 August 2014
20:48
-इंदु बाला सिंह

फलाना समूह के लोग बड़ा झूठ बोलते हैं
सुन जब मैंने देखा तुम्हें
ओ औरत !
तो पाया
तू तो पल पल झूठ बोलती है
और
तुझे सब सहते हैं
पसंद करते हैं
इज्जत देते हैं
आखिर तू बेटे की माँ है
पूतोंवाली होना ही तेरी साख है
भला क्यों बौराती है
तू पुत्र सुख में
पुत्र पास रहे या दूर रहे
उसके गुण गाती है
और जान बूझ कर भुला देती है उसके अवगुण |
सुन औरत !
मरने के बाद
क्या तू  देखने आती है
कि
किसने तुझे मुखाग्नि दी 
तेरा
किरिया करम किया
पिंडदान किया
तुझे गया में बैठाया |
सुन औरत !
जिस पुत्र के अकड़ में रहती तू
तेरा अंतिम संस्कार
अपने लोक लाज के तहत
अपनी सुविधानुसार करता है वो |
ओ री औरत !
लगता मुझे आज
तुझ जैसी सोंच वालों का समूह है
और मैं उस समूह जल में
बस डूबती उतराती रहती  हूं
शायद औरत का यही जीवन है |



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें