20
September 2014
20:37
-इंदु बाला
सिंह
याद आयी
आज
तुम दादी ....
अरे
बचवा !
नून जिन
गिरावा भुईयां
बरौनी से
उठावे के पड़ी
और
नौ वर्ष की
उम्र में
सोंचती थी
अचम्भे से मैं
.......
कैसे उठाते
होंगे बरौनी से नमक
उम्र होने पर
समझ आया
उस नसीहत का
अर्थ
पर
आज जब दिखता
है
मुझे
घर के सामने
पड़े
रोटी के टूकड़े
चहले जाते
लोगों के
पैरों से
तो
सोंचता है मन
जरूर इन्हें
तुम जैसी दादी
न मिली होगी |