07 July
2014
06:51
-इंदु बाला
सिंह
हाय ये
रोटियां
ये खुशबूदार
रोटियां
कितना
जलाती ये रोटियां
कितना रुलाती
ये रोटियां
कितना दौड़ाती
ये रोटियां |
हाय ये
रोटियां .........
गोल गोल
रोटियां
टेढ़ी मेढ़ी
रोटियां
माँ की बेली
रोटियां
बहन की बेली
रोटियां
बचपन की
रोटियां
नाचें रोटियां
जीभ चिढ़ाएं
रोटियां
स्वप्न
में दिखें रोटियां
रोटियां
ही रोटियां .................
.................................................
.................................................
क्या
ही बढ़िया होता
जो
रोटियों का पेड़ होता
रोटी तोड़ता
मैं
खाता नाचता मुस्काता
और
रोटियों के
पेड़ पे सोता |
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