सोमवार, 28 जुलाई 2014

कल किसने देखा !


28 July 2014
09:32
-इंदु बाला सिंह

माँ कहे
सपने में भी बड़बड़ाये .......
भगाओ इसे 
मेरे बेटे का हक ये छीने |
पिता कहे ......
मैंने तो कुछ न कहा |
जीवन साथी कहे .......
मैं न खिला सकून इसे |
ब्याहता भाई कहे .......
फूटपाथ पर रहे ये
मुझे इससे क्या मतलब |
इश्वर कहे ........
मैं तो पत्थर हूं |
मैं
हो मौन
लड़ती निज से
निज मन के खर पतवार उखाड़ती
फेंकती
सोंचती
जी लूं आज
कल किसने देखा |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें