14 July
2014
12:39
-इंदु बाला
सिंह
सामान
नहीं हूं मैं
कि
तुमने अपने
घर से उठा लिया
और
दान कर दिया
गंगा
नहा
लिया .......
मैं
तुम्हारा ही
अंश हूं
एक जीवित
प्राणी हूं
तेरे पुत्र
सरीखी
मान सम्मान
चाहनेवाली
तेरे ही घर
की
सदस्या
हूं .........
चाहे कहीं
रहूं मैं
तुम्हारी
शुभाकांक्षी
सहारा बिटिया
हूं
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