08 June
2014
20:31
-इंदु बाला
सिंह
कौन कहता है
किस्मत
नहीं होती !
किस्मत
धरा में
समायी
पांच की पत्नी बनी
कल्पना चावला
बनी
इंदिरा गांधी
बनी
गुमशुदा रही
अनगिनत भ्रूण
में रहीं
चमकीं
और
धूमकेतु सी
विलीन हुयीं
ओ री किस्मत !
कब तू चमकेगी
?
सूर्य बनेगी |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें