18 July
2014
07:12
-इंदु बाला
सिंह
ओहो
माँ !
कितनी प्यारी
है तू
तेरी गोदी
कितना भाये
ऐसे ही रहना
तू सदा
पेड़ सरीखी
तेरे
छांव तले बैठूंगा
मैं
दुनियां से
नहीं डरूंगा
तेरी डाली पर
बैठ
कृष्ण कन्हैया
बनूंगा
बांसुरी
बजाऊंगा
पेड़ से फल
खाऊंगा
शाश्वत रहना
तू ......
धकेल दिया माँ
ने
गोदी से
घोड़ा हो गया
है
गोदी में
बैठता है
आफिस नहीं
जाना है क्या !
तेरा ब्याह
करना है
अब मुझे
वही कान
उमेठेगी तेरा
अब तेरी ऊँचाई
मुझसे ज्यादा
है
कह कर
माँ मुस्काई
........
लूं बलैयां
मैं तेरी
ओ मेरे कृष्ण
कन्हाई |
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