28 July
2014
07:29
-इंदु बाला
सिंह
उम्रदार
पड़ोसन
प्रशंसा कर
रही थी
अपने नये
युवा किरायेदार अफसर का
अपनी
कामवाली से .......
इतना भला न
देखा मैनें
हर तीज
त्यौहार में
आकर मेरा चरण
स्पर्श कर
मुझसे
आशीर्वाद लेता
है
मेरी बिटिया
तो मेरा पैर ही न छूती ...
मैनें सोंचा
....
कर्म से बड़ा
आशीर्वाद न
बिना कर्म के
आशीर्वाद फलीभूत होता
तो
हर कोई
मुहल्ले के हर
बुजुर्ग का चरणस्पर्श करता
और
सभी गरीब अमीर
हो जाते ........
बलात्कार भी
बंद हो जाते |