मंगलवार, 25 मार्च 2014

बिटिया में बसे पिता



पिता
तारा बन गये
बिटिया बस देखती रही
कैम्र्रे से तस्वीरें खींचती रही
वीडियो बनाती रही
पत्थर बन गयी
वह |
हर रोज महसूसने लगी
वह
पिता के गुण खुद में
और
पिता की यादें
उसकी सूखी  आँखों से 
भाप बन
उड़ जाती थीं
वह क्रूर हृदया  थी |

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