राजनीति
अखाड़े का
हुआ
है भई !
पुनरोद्धार
पिछली बार
सस्ते से कागजे में
मिलते थे
पार्टी के
प्रचार पत्र
अब तो
वे सुंदर से
हैं
बुक मार्क
सरीखे
सो मिलते ही
मैंने भी
रंग कर उन्हें
फेवीक्रिल से
की उस पर
चित्रित
सुंदर सी
मनचाही
आकृति
और
रख लिया
उसे
अपनी पुस्तक
के
पन्नों बीच |
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