मंगलवार, 18 मार्च 2014

गांठ बांध ले

जीवन भी है युद्ध
चल जीतें हम
इसे
छल बल कौशल से .......
दान न लें
अभिमान से
सैनिक की शान से
जी लें
चल अब हम हुंकार करें  
बांध असफलता का कटा ग्रीवा से .........
हारा है
न हारा है मनुज किसी से
बस गांठ बांध ले

तू आज गमछे में |

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