जीवन भी है
युद्ध
चल जीतें हम
इसे
छल
बल कौशल से .......
दान न लें
अभिमान से
सैनिक की शान
से
जी लें
चल
अब हम हुंकार करें
बांध
असफलता का कटा ग्रीवा से .........
हारा है
न हारा है
मनुज किसी से
बस गांठ बांध
ले
तू
आज गमछे में |
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