न डालना
प्यारे
रिश्तों को
ठन्डे
बस्ते में
पल में
मर जातेंगे वे
लाख उपाय कर
लो
वापस
सजीव न होंगे
वे ....
रिश्ते तो
मौसम के प्रकोप में
मजबूत होते
अभाव में
बांतें करते
बरसात के बाद
के
खुले आकाश में
महकते
और
जाड़े की
गुनगुनी धूप
में हैं गर्माते |
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