शुक्रवार, 28 मार्च 2014

स्टेटस सिम्बल


वाह जी !
वाह
पैम्पलेट मिले गेट के अंदर फिंके
नये खुले होटल के ......
दो सौ से ऊपर
नाश्ते और खाने के
सचित्र नाम और दाम के साथ थे छपे उसमें   ..........
जी खुश हो गया
हमारा आज प्रातःकाल
हम भी पहचानने लगे नये डिशों को
और
दाम भी जान लिए .......
शुक्रिया मार्केटिंग
अब
हमारी भी शान बढ़ी
ड्राइंग रूम में ..............
हम भी
चटखारा ले कर बतायेंगे
स्वाद
उन व्यंजनों के
आफिस में
जिन्हें
हमने कभी चखा ही नहीं ..................
लो जी
हम भी अब अमीर हुए
बतियाने लायक हुए 
उस ढीली हुयी जेब की
जो
थी कभी भरी ही न ...............
वाह जी !
अब
हम भी
अपना स्टेटस सिम्बल बढ़ाएंगे |





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