झरोखे से
आकाश में
अंधकार से
फूट कर
निकलती रोशनी देख
चेतता मन
कोयल की कूक
से हो उठा विह्वल
मुन्ने
का मन ........
ओहो !
कोयल मैडम !
सुबह सुबह ही
आप बोलने लगीं .......
उठ पढ़ ...उठ
पढ़ .......
घर में तो
मम्मी सोयी है
अब तक
मैं तो जग ही
गया खुद ........
फिर
कोरे मन से
खोल लिया
मुन्ना
अपनी
केमिस्ट्री किताब का ऑक्सीजनवाला पन्ना ........
थैंक्स कोयल
मैडम !
गुड मॉर्निंग
!
स्कूल में
मैडम ने भी कहा था
भोर में पढ़ा
पाठ
हो जाय याद |
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