शनिवार, 22 मार्च 2014

दौडती हैं महिलाएं


महिलाएं
नौकरी में टिकी रहती हैं
बड़ी कर्मठ होती हैं
इसीलिये
तो
स्कूलों में रखी जाती हैं वे  ..........
सबेरे सबेरे
और
फिर दोपहर में
सडकों पर
बसों में
यूनिफार्म में
दिखती है भावहीन महिलाएं .............
सरकारी स्कूल की
शिक्षा सहायिकाएं
शिक्षिकाएं
बच्चों का भाग्य गढ़ने
के साथ साथ
अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता
और
खुली हवा में सांस लेने के लिए 
दौड़ती हैं
प्रतिदिन महिलाएं |



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