सोमवार, 3 सितंबर 2012

भाग न


मौन बोलता
कभी कभी इतना
कि शोर गुल से घबरा कर
हम भागते जग से
ऐसा क्यों ?
रे साथी !
जन्म मिला
मानव का
कर्म हेतु
पलायनवाद क्यों ?
रे भक्त !
ईश्वर बच्चे में बसता
कर्तव्य पथ पे आगे बढ़
जब तक है जीवन
मुस्काए जा |

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