रविवार, 16 सितंबर 2012

अभियंता


याद करें हम
आज
उन अभियंताओं को
भूल कर उनकी जेबें
जिन्होंने बनाई सड़कें
हमें चलने को
बनाये पुल नदी पर
हमें पैदल नदी पार करने को
पर
हमने उन्हें मारा
बंधक बनाया
क्योंकि उन्होंने छीना
हमसे हमारा गांव , जंगल |

याद करें हम
आज
उन अभियंताओं को
जो घर से दूर
बिताते यौवन काल
काम करते
समुद्र में ,जंगल में 
पहुंचाते हमें तेल , बिजली , गैस
दुरूह पथ
पत्थर मन
दिन बीतता
बीतता वर्ष
कितने निर्मम हम
उनके कष्ट देखें |

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