1
बावरा मन
बहुत कुछ बनना चाहे
कभी कभी कोई अधिकारी
तो कभी कोई और
बन भी जाये वो
जी भी ले वो जीवन
मित्रों ,रिश्तों के माध्यम से |
2
सुरक्षा करते करते
कब नींव बन गयी
पता ही न चला उसे
आज हैरान है
वो
खुद पर
और अपने
स्थान पर |
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