गुरुवार, 6 सितंबर 2012

हाइकू - 28


मन व बुद्धि
खेलें आँख- मिचौली
तन मुस्काए |

लिली का फूल
खिले जो घर में , करे
मन प्रफुल्ल |

मन करता
लिखूं एक कविता
तेरी आँखों पे |

चुरानेवाले !
रचना क्यों चुराया ?
दिल चुरा ले !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें