मुश्किल होता
है
बेईमानों
की बस्ती में
इमानदार बने
रहना
झूठों के देश
में
सच बोलना
पाखंडियों के
समूह में
साँस लेना
उफनती नदी
में
खुद को बचाए
रहना सा लगता है
अपने निश्चय
को बचा कर रखने की
कोशिश करते
वक्त
भीड़ में
जीवन तपस्वी
सा लगता है
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