शनिवार, 7 दिसंबर 2013

सजीव प्रतिमा है माँ

हमारे लिए श्रद्धेय है हमारी माँ
घर के किसी भी सदस्य को कुछ बातें अन्य को बताना है
तो हम माँ को कहते हैं
और अपना वांछित काम कर डालते हैं
आखिर माँ से पूछ कर किया है हमने वह कार्य
माँ सबसे बड़ी है
हमारे घर की सबसे बड़ी है माँ
उसकी सहमति के बिना पत्ता नहीं हिलता
हमारे घर का
हम अपनी पत्नियों का कहा नहीं मानते
माँ हमारे लिए सर्वोपरि है
आखिर बैंकों का फिक्स्ड डिपाजिट और मकान
हमारे पिता ने अपने श्रम से ही बनाया है
हम शहर के विभिन्न दर्शनीय स्थानों में जाते हैं
तो माँ को साथ ले जाना चाहते हैं 
पर माँ जाना नहीं चाहती
एक बार बीमार पड़ी माँ तब उसे घुमा लाये
उसे शहर का मन्दिर
हम इज्जत करते हैं अपने माँ की
हमारे पड़ोसी भी हमारी प्रशंसा करते हैं ....

सुंदर सजीव प्रस्तर प्रतिमा सी विराजमान है माँ |

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