बुधवार, 4 दिसंबर 2013

शिक्षक एक तपस्वी

बच्चों को समझाते
राह दिखाते
मुस्काते
ऐसे शिक्षक बन गये हम
कि हमेशा राह ही दिखाते रहे
और लोग हमसे कतराते रहे
आदर्शों की पोटली कौन ढोए......
मित्रहीन हम
प्रकाश स्तंभ बने रहे
भटके बच्चों को राह दिखाते रहे
जीवन के हर पड़ाव में
बच्चे आते रहे
हमारे लिए मित्र बने रहे |
छात्रों  का विश्वास
शिक्षक के मन में
दीपक सा जलता रहा
और हम  आजीवन  मुस्कुराते रहे |

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