बुधवार, 11 दिसंबर 2013

प्रचंड सूरज

मन
जब धरा बन जाता है
उस पर बर्फ का पहाड़ भी बन जाता है
जाड़े की भोर का सूरज पिघला नहीं पाता उस बर्फ को
पर प्रचंड गर्माहट सूरज की 
गर्मी के मौसमवाली
पिघला देती है पहाड़ ........
देखते ही देखते जल - धार बह निकलती है
मन में बसंती फूल खिल उठते हैं
घर महक उठता है ....

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