शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

मर्द बच्चा

मर्द बच्चे हो यार !
जाल बुनना सीखो खुद
औरतों को
लपेटना सीखो
देखो कितना सहज होगा जीना
आज औरत सा इमानदार कोई नहीं
औरत सा अभावग्रस्त न मिलेगा तुझे कहीं
ये मूल मन्त्र है जीवन का
औरतें प्रसन्न रहेंगीं
तुझ पर गर्व करेंगी वे
तू निश्चिन्त रहेगा |

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