मर्द
बच्चे हो यार !
जाल बुनना
सीखो खुद
औरतों को
लपेटना सीखो
देखो कितना
सहज होगा जीना
आज औरत सा
इमानदार कोई नहीं
औरत सा
अभावग्रस्त न मिलेगा तुझे कहीं
ये मूल मन्त्र
है जीवन का
औरतें प्रसन्न
रहेंगीं
तुझ पर गर्व
करेंगी वे
तू निश्चिन्त
रहेगा |
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