उनके
दुर्व्यवहार भूल कर
क्षमा कर
देते हैं
हम उन्हें
कहा जाता है
क्षमा प्रदान
करती है
चित्त को
शांति
पर क्षमा
करते करते
हम
छननी बन जाते हैं
निस्तेज
नीरस
सूखे वृक्ष बन
जाते हैं
जिस पर पंछी
नहीं फटकते
लोग कहते हैं
......
पूजा पाठ करो
यार
मन प्रसन्न हो
जायेगा ......
मैं सोंचूं
.....
तब तो सारा जग
प्रसन्न - चित्त रहता |
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