दो हजार तेरह
तुमने जाते
जाते बदल दी सत्ता
और मजबूर कर
दिया हमें
सुनने को आहट
आने वाले
परिवर्तन की
यह
लो !
अब उत्सुक हो
गया है मन
और इंतजार कर
रहा है
नव वर्ष के
आगमन का
हर मकान में
जल रहा है
आशा दीप
देखो पल रहा
है
हर घर में एक
सपना
जो चाहे सच
होने को |
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