बुधवार, 1 जनवरी 2014

उत्सुक है आज मन

दो हजार तेरह
तुमने जाते जाते बदल दी सत्ता
और मजबूर कर दिया हमें
सुनने को आहट
आने वाले परिवर्तन  की
यह लो !
अब उत्सुक हो गया है मन
और इंतजार कर रहा है
नव वर्ष के
आगमन का
हर मकान में जल रहा है
आशा दीप
देखो पल रहा है
हर घर में एक सपना 
जो चाहे सच होने को |

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