बहुत मिल
जायेंगी
नौकरानी
जो बना देंगी
भगा दिया
पुत्र ने
सहायिका को
और
अब माँ रोटी
बेल रही थी
धन्यवाद दे
रही थी
प्रभु के भजन
गा रही थी
हे ईश्वर !
हाथ पैर चलते
बुला लेना
अपने पास
ओ तारणहार !
पर ईश्वर ने
इस बार
नई सहायिका
रखी गयी
पर
अपनी भक्तिन
की सहायिका को
बुला लिया
अपने पास
अनाथ हो गयी
अकेली सहायिका
की
एक मात्र औलाद
शायद
माँ की जरूरत
अभी
अभी भी धरती
को थी |
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