गुरुवार, 30 जनवरी 2014

खाना बनाने वाली

बहुत मिल जायेंगी
नौकरानी
जो बना देंगी
भगा दिया पुत्र ने
सहायिका को
और
अब माँ रोटी बेल रही थी
धन्यवाद दे रही थी
प्रभु के भजन गा रही थी
हे ईश्वर !
हाथ पैर चलते
बुला लेना अपने पास
ओ तारणहार !
पर ईश्वर ने
इस बार
नई सहायिका रखी गयी
पर
अपनी भक्तिन की सहायिका को
बुला लिया अपने पास
अनाथ हो गयी
अकेली सहायिका की
एक मात्र औलाद
शायद
माँ की जरूरत अभी
अभी भी धरती को  थी |

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