07 April
2015
10:32
-इंदु बाला
सिंह
काले कलूटे
दुबले पतले
भारी भरकम
स्कूल बैग पीठ पर लटकाये
पार्क में
घूमते दो बच्चों को देख
चिल्लायी
रूखे
बालोंवाली पतली सी कामवाली .....
' तुम दोनों
भाई स्कूल नहीं गये ?
आना घर आज
घुसने न दूंगी
'
और मैं पहचान
गयी उसे...
' यही तो आयी
थी हमारे घर काम की तलाश में
दो छोटे छोटे
लडकों को चिपकाये
और
मैंने भौं
सिकोड़ लिया था
गांव से आई
अकेली औरत जात
साथ में नाक
बहाते दो बच्चे
न जाने कौन है
ये ? '
और
आज मैं
चिंतित हो उठी
उसे अपने बच्चों को डांटते देख ....
' ये बच्चे
माँ से डर के घर न जायें तो ! '
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