शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

अभी सलामत हैं हाथ पैर मेरे


18 April 2015
06:36


-इंदु बाला सिंह


बेटे की आँखों से सपने देखता
जीता
मान पाता
बेटे को सुरक्षा देता पिता
जब
अकेला हुआ
तब होश में आया  ........
और
आज भी
तारों भरी रात में
दिखता है उसे
अपना इंजीनियर बेटा
किसी आफिस में काम करते हुये .......
' रामजी की कृपा से
अभी सलामत हैं हाथ पैर मेरे
मैं तो रोज साईकिल चलाता हूं
दूध बांटता हूं '
सोंचते ही
पिता की  आंख मुंद गयी |


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