रविवार, 19 अप्रैल 2015

परेशान मुन्ना


20 April 2015
07:59


-इन्दू बाला सिंह


चाह मेरी
बन चिरैय्या पंख पसार उड़ जाऊं
फुद्कुं
डाली डाली पे चहकूं
भला न लगे
मुझे
पढ़ना
स्कूल जाना
फीस मांगते वहां टीचर
बच्चे
बढ़िया बढ़िया टिफिन लाते
सबके कपड़े चमकते
बगुले जैसे
मुझसे न हो पाता
होमवर्क स्कूल का .........
भोर भोर
गाल पे हाथ रख
आम के पेड़ तले खड़ा
है मुन्ना सोंच रहा
और
सपने देख रहा |

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