शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

बेटी का घर


11 April 2015
07:45


-इंदु बाला सिंह  


वाह दहेज !

आह दहेज़. !

बेटी बनी सीने की बोझ

बेटी का घर बसाने की चाह लिये

मिट गया मैं

ये कैसी अजब गजब तेरी दुनिया

ओ ! भगवन |

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