13 April
2015
12:51
-इंदु बाला
सिंह
महिला
होश सम्हालने
से ले कर
होश खोने तक
मजदूर है
उसके जीवन का
स्तर
उसके श्रम
व
उसकी
काबिलियत पर निर्भर करता है
पर
वह क्या जाने
मजदूर दिवस
वह तो
सदा भाग्य व
प्रेम के सहारे चलती है