गुरुवार, 8 मई 2014

बेटी है मान रक्षक


07 May 2014
11:50

-इंदु बाला सिंह


बेटी होना
जितना गुनाह है
उतना ही
गुनाह है बेटी का बाप होना .......
गर यह सत्य है
तो
पिता का मान रखने हेतु
कृष्णा सा विषपान सत्य है .....
और
सती का
निज पति शिव का मान रखने हेतु
यज्ञशाला में कूद उसे विध्वंश करना भी सत्य है .......
पर
कब तक
बेटियां
मान रक्षा करेंगी रिश्तों का
जो खुद सुरक्षा की तलाश में आज .......
ये कैसा सिस्टम है
जिसमें कागज में ढेर सारी सुविधाएँ हैं बेटियों की
पर
हर घर में दिखेंगी एक बेटी जरूर
जिसके अस्तित्व से
नाखबर हैं
खून के रिश्ते |

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