02 May
2014
05:49
-इंदु बाला सिंह
गुपचुप
मन्त्रणा कर रहे थे
पर चलते समय
निकल गयी
आवेश में
पिता की आवाज
कुंडली हाथ
में पकड़े थे
पर
इस बार बला की ताकत आ गयी थी
बेटी में
हाथ से कुंडली
खींच
कड़क कर बोली
.......
एक बार ब्याह
कर मेरा
जीवन बर्बाद
किया है आपलोगों नें .......
घर से बाहर
करने का खूबसूरत बहाना था
क्यों कि सदा
कहते रहे आपलोग
बेटी को कौन
देता है हिस्सा .......
अब नहीं करने
दूंगी
आपलोगों को
अपने मन की
आप के पसंदीदा
युवक से
मैं ब्याह न
करूंगी .......
इस वाकयुद्ध
नें नींद तोड़ दी उसकी
उसने देखा
अभी तो पौ फटी
नहीं है
माता पिता और
भाई भाभी अपने अपने कमरे में हैं
एकाएक
भाई की दो माह
की बिटिया
रो दी |
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