मंगलवार, 20 मई 2014

मुट्ठी जब खुली


19 May 2014
07:19


-इंदु बाला सिंह

एक रात
न जाने कब
मुट्ठियां खुल गयीं
उसकी
और
उन में बंद सितारे
निकल गए .........
उसकी
आँख के सामने
नाचने लगे
एक अलौकिक दृश्य था .......
वह
अचंभित था ......
हाथ की लकीरें मिट चुकी थीं
मिट्टी की सोंधी महक ने
उसे
जमीन से जोड़ दिया था |

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