गुरुवार, 8 मई 2014

बेटी का अभिमान


07 May 2014
15:23

-इंदु बाला सिंह

पैतृक सम्पत्ति
क्या होती है
उसे
कभी होश ही न था
पर
ब्याह के बाद
जब जब
वह मैके आती थी
कभी पिता
तो
कभी माता
गाँव के विभिन्न मित्रों का नाम ले
दबी जबान से समझाते थे
अपनी
पढ़ी लिखी ससुरैतिन बिटिया को .....
बेटी को पैतृक हक
न मिले कभी
और
बाप दे भी दे
तो
अपने
या
विभिन्न पुरुष रिश्तेदार
लेने दें
जमीन
या
मकान
पर कब्जा ......
जितना
वे बोलते थे
उतना वह बिटिया लड़ती थी
क्यूँ ?
जब
हक है
तब
क्यूँ नहीं लेने देंगे
घर के पुरुष सदस्य ?
धीरे धीरे
वह बिटिया
पिता माता के मनोभाव
ज्यों ज्यों
पढ़ती गयी
त्यों त्यों
उसके मन में
उसके  हिस्से की पैतृक सम्पत्ति
उसे न देने की
माता पिता की इच्छा
समझती गयी .......
धीरे धीरे
अपने पिता के
भाई के प्रति
असीम प्यार ने
उसे
मैके से
दूर कर दिया ............
माता पिता के स्वार्थ से
दुखी बेटी
और
मुड़ी पीछे
क्यों कि
वहां 
उसके लिए जगह न थी |



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