13 May
2014
10:19
-इंदु बाला
सिंह
अरे ! मेरी कामवाली का आदमी
प्लांट में
काम करता है
बहुत कमाता है
.....
उसके घर में
टी ० वी ० ,
कूलर , मोटर साईकिल सब कुछ है .....
हर महीने छ:
हजार रूपये मिलते हैं उसे
हर माह
घर का आठ हजार
भाड़ा दे कर रहनेवाली
विदेश में बसे
पुत्र की
माँ
कह उठी ....
और
मुझे
सोंचने को
प्रेरित कर गयी .....
भला महिलाएं
समझदार क्यों
नहीं होतीं ?
पुरुष को तो
समाज ठोंक पीट
कर समझा देता है
पर
शहरी महिलाएं
आरामतलब और
ईर्ष्यालु क्यों होती है ?
हाड़ तोड़ मेहनत
करनेवाली
अनपढ़ कामवाली
दिन भर
घर घर दौड़े
अपने बेटे की
मुस्कान के लिए
अपनी बिटिया
को
अनपढ़ बनाये
उसे कामवाली
के धंधे के गुर सिखाये
कैसे यह सब
किसी को न
दिखे
एक औरत की
यह मजबूरी |
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