चेत रहा है
पढ़ा लिखा नौकरीपेशा समझदार पिता
बेटा
हो या बेटी बस एक ही सन्तान चहिये
वो भी न हो तो
गोद ले लेंगे
पर लेंगे बेटी
ही
कम से कम दुःख
तो महसूसेगी हमारा
जितना ख्याल
रख पायेगी रखेगी वो
यह परिवर्तन
धीरा ही सही पल रच रहा है
एक समझदार समाज |
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