शुक्रवार, 21 जून 2013

माँ का आशीष

ओ पुत्र मेरे !
दूं मैं भीगी पलकों से आशीष आज तुझे
सदा प्रगति के पथ पर चढ़ते रहना
जीवन में वांछित फल पाना |

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