बुधवार, 12 जून 2013

बेटा गोद लिया है

बेटी शौक है माँ की
एक गुड़िया मिलती है सजाने की
और शान है पिता की
कन्यादान कर पूण्य कमाने का मौका मिलता है
बेटी है प्यारी माता पिता को
वो दुःख बांट लेती है
पर बेटा तो जरूरी है न
इसलिए मैंने गोद ले लिया है एक पुत्र
आखिर देखनेवाला चाहिए न कोई घर द्वार मेरे बाद |

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