बेटी शौक है
माँ की
एक
गुड़िया मिलती है सजाने की
और शान है
पिता की
कन्यादान कर
पूण्य कमाने का मौका मिलता है
बेटी है
प्यारी माता पिता को
वो दुःख बांट
लेती है
पर बेटा तो
जरूरी है न
इसलिए मैंने
गोद ले लिया है एक पुत्र
आखिर
देखनेवाला चाहिए न कोई घर द्वार मेरे बाद |
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