रविवार, 2 जून 2013

वह और ख्वाब


छत पर पहुंचते ही
कट कर नीचे रह जाते हैं सारे रिश्ते
और रह जाते  हैं केवल उसके ख्वाब उसके साथ  |

तरह तरह के ख्वाब आने लगते हैं
मृत के ख्वाब के रुदन से ध्यान हटाने पर
अपाहिज ख्वाब सामने दयनीय खड़ा दिखने लगता है |

तभी दुखी मन से
एक  नया  ख्वाब जन्म लेता है
और प्रफुल्ल कर देता है उसके मन को |


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