ये न पूछो आज
मुझसे
पिता क्या
होते हैं
पिता तो ढाल
होते हैं
समाज की
तलवार की
प्रत्युत्तर
होते हैं
समाज के
प्रश्न के
दीवाल होते
हैं
अनाधृकृत
प्रवेश की
पिता की झलक
मात्र
भर देती है
आत्मविश्वास
बेटियों के
लिए पिता क्या होते हैं
पितृविहीनों
से पूछो
इसीलिये तो
लोग सर्वप्रथम पिता से अलग करते हैं पुत्री
दान करवा लेते हैं उसे सामान बना |
दान करवा लेते हैं उसे सामान बना |
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