शनिवार, 30 जनवरी 2016

उसे बस खाना चाहिये था



-इंदु बाला सिंह


तुम
बखिया उधेड़ रहे थे
गड़े मुर्दे उखाड़ रहे थे
और
वे
तुरपाई कर रहे थे
मुर्दों को दफना रहे थे
नन्हा बच्चा इस कौतुक को देख रहा था
तभी
उसे भूख लगी
और
वह रोने लगा ..........
वह  रोता रहा
उसे बस खाना चाहिये था ।

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