शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

मुंह न फेरना



- इंदु बाला सिंह

मुंह न फेरना अपनों से
पल भर को भी
संबन्ध तो दूध है
अपनों  का मन न फटने  देना
मन एक बार फटा
तो
बह जायेगी सारी तरलता ।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें