रविवार, 17 जनवरी 2016

चटनी की महिमा



- इंदु बाला सिंह

दिमाग को  टुकड़ा कर
थोड़ा  थोड़ा पीसना होता है बेहतर
कितनी बढ़िया चटनी बनती है
कचौड़ी से खाने के लिये । 

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