- इंदु बाला सिंह
बेटे के
जेब का रुपय्या
नचाता
सबको ता ता थय्या
दी जे वाले बाबू ...जरा गाना बजा ...........
पिता माता बहन सभी निकटस्थ.......... मुस्काते ........ मॉडर्न बन जाते
अब रुपय्या आया कहां से ......... इसका जिम्मा तो लानेवाले के सर पर है
काश
ऐसे हर घर में बनता एक वाल्मीकि ...........
खोते मात पिता ......... अपना गृहस्थ लाल
और
चेतती हर माँ ...... हर पिता ........ हर बहन ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें