मंगलवार, 12 जनवरी 2016

क़ानून की आंखें


13 January 2016
11:14


-इंदु बाला सिंह


भले लगते
वे
मुझे
जो मारते
अपनी बिटिया कोख में
ऐसा भी जीवनदान क्या अपनी बिटिया को
जिसे
भूल गये
पैदा कर के .........
अरे !
आंखें होवें
तभी तो देखे
क़ानून ...... किसने किसका कत्ल किया |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें