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सोमवार, 4 जनवरी 2016
मन है तो रोशनी है
-इंदु बाला सिंह
मन की चाह ही जलने को प्रेरित करती है दीये को
और
तेल मिलता है दीये को.........
मन
गलाता है स्वंय को
जीता है
रोशन करता है
हर निकटस्थ की राह .........
जब तक तन है
तब तक
मन है .........
और
मन है
तो
रोशनी है ।
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