सोमवार, 11 जनवरी 2016

स्वार्थवश की गयी गलतियां



- इंदु बाला सिंह

कुछ स्वार्थवश की गयी गलतियां सुधारना न चाहे वे
और
विनाश के बीज उसी दिन लग गये
जिस दिन था तोड़ा उन्होंने स्वजन का भरोसा
बाकी सब तो समय की मांग थी   ...........
न जाने कौन सी अदृश्य शक्ति से
वे
हंस रहे थे    .......
अंगड़ाईयां  ले रहे थे
आनेवाले कल को भूल अपने
स्वप्न में  ...... सत्य में  । 

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