बुधवार, 13 जनवरी 2016

क्यों बांधते औरत को तुम


- इंदु बाला सिंह


बांधते हो
जितना तुम औरत को
वह उठती  जाती है ऊपर  संग संग  तुम्हारे......
गिर जाते  हो तुम
बंधी औरत के बोझ से
पर
औरत मर्द से ऊंची रह जाती है  ........
तुम्हारे गिरते ही  बंधन टूट जाता है औरत का
और
तुम्हारा सब कुछ उसी औरत  हो  जाता है  ........
आखिर क्यों बांधते तुम औरत को ?
नहीं समझ पायी
मैं अब तक । 

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